हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , नजफ अशरफ़ के इमाम-ए-जुमा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैय्यद सदरुद्दीन क़बानची ने हुसैनिया आज़म फ़ातिमिया में नमाज़-ए-जुमआ के खुत्बे में इराक़ के हालिया संसदीय चुनावों को "इतिहास के सर्वश्रेष्ठ और सबसे सफल चुनाव" करार दिया। उन्होंने कहा कि जनता ने भरपूर भागीदारी और शांतिपूर्ण माहौल में अपनी इच्छा व्यक्त की और दुनिया ने इराक़ के इस बड़े राष्ट्रीय कर्तव्य को देखा।
उन्होंने चुनावी सफलता के तीन मूलभूत कारक गिनाए: पहला: जनता का मजबूत और दृढ़ संकल्प। दूसरा: जागरूकता, जिसके माध्यम से जनता ने राजनीतिक चुनौतियों का सामना किया। तीसरा: मरजईत का मार्गदर्शन, जिसने चुनावी प्रक्रिया को सही दिशा दी।
उन्होंने इस सफलता को हज़रत साहिबुल अस्र इमाम मेंहदी अज्जलल्लाहु तआला फरजहुश शरीफ की कृपा और सहायता का परिणाम बताते हुए दुआ-ए-नुदबा के वाक्य उद्धृत किए और कहा कि यदि इमाम जमाना की दयादृष्टि न होती तो देश के दुश्मन मुश्किलें खड़ी कर देते।
इमाम-ए-जुमआ ने सभी इराक़ी जनता, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और चुनावी संस्थानों विशेषकर चुनाव आयोग का आभार व्यक्त किया और इसे कौम की महान जीत" करार दिया। उन्होंने कहा कि अब अगला चरण तीनों उच्च पदों (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष) के चुनाव का है, जिसमें किसी भी वर्ग को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
अपने दूसरे खुत्बे में उन्होंने कासिम बिन इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की पुण्यतिथि के अवसर पर अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम की कब्रों की विभिन्न देशों में बिखरी होने का उल्लेख किया और यह अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम की मजलूमियत है।
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